परिचय
नारी शक्ति वंदन अधिनियम (संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023) के माध्यम से संसद ने 33% आरक्षण का प्रस्ताव पारित किया है। यह विधेयक लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, तथा दिल्ली विधान सभा में महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण सुनिश्चित करता है।
विधेयक पेश और पारित प्रक्रिया
- 19 सितंबर 2023 को लोकसभा के विशेष सत्र में विधेयक पेश किया गया।
- 20 सितंबर 2023: लोकसभा में विधेयक को 454 मत समर्थन, और केवल 2 विरोध में पारित किया गया (AIMIM सांसदों द्वारा)।
- 21 सितंबर 2023: राज्यसभा में विधेयक सर्वसम्मत रूप से पारित हुआ, जिसमें 214 मत समर्थन, और कोई विरोध नहीं था।
- तत्पश्चात यह राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा गया।
राष्ट्रपति की मंज़ूरी और अधिसूचना
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 28 सितंबर 2023 को विधेयक पर हस्ताक्षर किए और इसी दिन इसे आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया गया।
लागू होने की प्रक्रिया: जनगणना और परिसीमन से जुड़ी चुनौतियाँ
- यह कानून तत्क्षण लागू नहीं होगा। इसकी प्रभावशीलता जनगणना और परिसीमन (delimitation) के बाद सुनिश्चित होगी—जो कि 2026 तक फ्रीज़ रही सीमाओं के बाद संभव होगा।
- AMPA (सीमांकन) प्रक्रिया के बिना आरक्षण लागू नहीं हो सकेगा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और महत्व
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक “ऐतिहासिक क्षण” बताया और संसद में इसे पारित कराने वाले सभी सांसदों को धन्यवाद दिया।
- विपक्ष ने विधेयक का समर्थन तो किया, लेकिन OBC कोटे (कोटे के भीतर कोटा) की मांग उठाई, जिसे विधेयक में शामिल नहीं किया गया।
- राजनीतिक रूप से, यह विधेयक महिला मतदाताओं के बीच समर्थन बढ़ाने और नेतृत्व में संरचनात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सारांश तालिका
| चरण | विवरण |
|---|---|
| पेश किया | लोकसभा में – 19 सितंबर 2023 |
| लोकसभा पारित | 454 समर्थित, 2 विरोध – 20 सितंबर 2023 |
| राज्यसभा पारित | सर्वसम्मत – 21 सितंबर 2023 |
| राष्ट्रपति की स्वीकृति | 28 सितंबर 2023 |
| लागू की प्रक्रिया | जनगणना और परिसीमन के बाद (2026 के बाद) |
यह विधेयक एक लंबी 27-वर्षीय लंबित बहस का परिणाम है, और भारतीय संसद तथा विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने का एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। हालांकि इसे लागू करने में समय लगेगा—विशेषकर जनगणना और परिसीमन की आवश्यक प्रक्रियाओं के कारण—लेकिन यह कानून लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अभूतपूर्व उपलब्धि है।