1. शिक्षा की संरचनात्मक पुनर्रचना: 5+3+3+4 प्रणाली
- कुल संरचना: NEP 2020 ने पारंपरिक 10+2 मॉडल को हटाकर इसे 5+3+3+4 ढांचे से बदल दिया है, जो राष्ट्रीय शिक्षा की उम्र-आधारित चरणबद्ध संरचना है—3 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के लिए।
- Foundational Stage (5 वर्ष): इसमें 3 साल प्रीस्कूल/आंगनवाड़ी + कक्षा 1 व 2 शामिल हैं (आयु: 3–8 वर्ष)। यह खेल-आधारित, गतिविधि-केन्द्रित शिक्षण को महत्व देता है।
- Preparatory Stage (3 वर्ष): कक्षाएँ 3–5 (आयु: 8–11 वर्ष)। इस चरण में भाषा, योग, ज्ञानात्मक गतिविधियाँ शामिल होती हैं।
- Middle Stage (3 वर्ष): कक्षाएँ 6–8 (आयु: 11–14 वर्ष)। इस दौरान गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान आदि विषयों की गहरी समझ विकसित की जाती है।
- Secondary Stage (4 वर्ष): कक्षाएँ 9–12 (आयु: 14–18 वर्ष), जिसे दो उप-चरणों (9–10, 11–12) में बांटा गया है, और अंतरविषयक व बहुविषयक पढ़ाई को बढ़ावा दिया गया है।
- अन्य बदलाव:
- बोर्ड परीक्षाएं (Class 10 व 12) अब पुनः-निर्मित होंगी, जिसमें दो वार्षिक अवसर शामिल होंगे।
- केवल तीन बार परीक्षाएं होंगी (Class 2, 5, 8 में) — इससे विद्यार्थी पर कम दबाव पड़ेगा।
- कोडिंग को कक्षा 6 से शुरू किया जाएगा और शिक्षण अधिक अनुभव-आधारित होगा।
2. CBSE और राज्य बोर्डों में प्रमुख बदलाव
CBSE में बदलाव:
- माध्यम की भाषा: 2025–26 शैक्षणिक सत्र से CBSE स्कूलों में Foundational और Preparatory चरणों में शिक्षा के लिए मातृभाषा या घरेलू भाषा का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है, जो भाषा समझ और संज्ञानात्मक विकास को बेहतर बनाता है।
- कैरियर एवं मानसिक स्वास्थ्य सहायक पहल:
- Career Guidance Dashboard और Counseling Hub-and-Spoke Model का शुभारंभ हुआ है, जो विद्यार्थियों का कैरियर मार्गदर्शन और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का समर्थन करेगा
- कला-संबद्ध परियोजनाएं: कक्षा I से X तक कला-एकीकृत प्रोजेक्ट्स अनिवार्य किए गए हैं, जो अनुभव-आधारित और अंतःविषयक शिक्षा को बढ़ावा देते हैं। कक्षा X के लिए प्रोजेक्ट पूरा करना और जमा करना एडमिट कार्ड प्राप्त करने के लिए जरूरी है।
- ‘एक राष्ट्र, एक छात्र’ पहचान (Apaar ID): 2025–26 में बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य Apaar ID शुरू की गई है, जिससे उनका शैक्षणिक डेटा केंद्रीकृत, पारदर्शी और धोखाधड़ी-रहित रहेगा।
- दोहری श्रम परीक्षा (Class 10): 2026 से, Class 10 की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार (February–March और May) आयोजित की जाएगी, जिससे संतुलित शिक्षा और लचीलापन बने और विद्यार्थियों को सुधार के अवसर मिलें।
राज्य बोर्डों में बदलाव:
- पंजाब: PARAKH (PARformance Assessment, Review and Analysis of Knowledge for Holistic Development) के सहयोग से, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने राष्ट्रीय प्रश्न बैंक में competency-based प्रश्न शामिल करने की पहल की है। शिक्षक और विद्यार्थी दोनों अब प्रश्न निर्माण में योगदान देंगे, जिससे रट्टे पर आधारित शिक्षा से हटकर समझ-आधारित सीख संभव होगी।
- गुजरात: कक्षा 9–12 की पाठ्यपुस्तकों में भगवद्-गिता के अध्याय शामिल किए गए हैं, जिससे नैतिक और सांस्कृतिक शिक्षा को बढ़ावा मिलता है। साथ ही, कंप्यूटर और अर्थशास्त्र के विषयों में नई सामग्री—जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्राकृतिक कृषि—जोड़ी गई है।
3. सारांश सारणी
| क्षेत्र | प्रमुख परिवर्तन |
|---|---|
| संरचना | 10+2 ढाँचा → 5+3+3+4 मॉडल; बोर्ड परीक्षा और मूल्यांकन में बदलाव |
| भाषा नीति | मातृभाषा में शिक्षण (Foundational & Preparatory चरण) |
| विद्यार्थी समर्थन | कैरियर गाइडेंस, काउंसलिंग मॉडल, Apaar ID, कला-परियोजनाएं |
| राज्य-पटल सुधार | पंजी, नैतिक सामग्री (गुजरात), प्रश्न बैंक निर्माण (पंजाब) |
NEP 2020 द्वारा लाई गई ये पहलें—जैसे 5+3+3+4 संरचना, मातृभाषा में शिक्षण, समग्र परीक्षा प्रणाली, और शिक्षा-केंद्रित पहलकदमियाँ—सब विद्यार्थी-केन्द्रित, कौशल-आधारित, और समावेशी शिक्षा की दिशा में ले जा रही हैं। CBSE और विभिन्न राज्य बोर्डों द्वारा शुरू की गई सामरिक पहलें (जैसे भाषा नीति, कैरियर गाइडेंस, कला-परियोजनाएँ, Apaar ID आदि) इस परिवर्तन को व्यवहार में साकार कर रही हैं।